क्या तेरे दिल में है बता साहिल।
रेत के ज़र्रे न उड़ा साहिल।
तेरे आगोश में समंदर है
और अब चाहता है क्या साहिल।
जाती लहरों को अलविदा कह दे
आती लहरों में डूब जा साहिल।
मुझ में भी कारवां है मौजों का
आ मुझे भी गले लगा साहिल।
सूखी झीलों में दरिया रहते हैं
छेड़ न इनको न जगा साहिल।
कश्तियाँ कैसे लौट पायेंगी
रुख बदलती नहीं हवा साहिल।
कितने दरिया 'सजल' गए आए
तूं न बदला वहीँ रहा साहिल.
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