धन्यवाद प्रवीण जी तथा केसरी जी। वीनस जी अनभै सांचा साहित्य और संस्कृति की एक त्रैमासिक पत्रिका है जिसमे रचनाएं गुणवत्ता के आधार पर छपी जाती हैं न कि जान-पहचान अथवा विचारधारा के आधार पर। संपादक द्वारका प्रसाद जी का निर्णय इसमे अन्तिम होता है यद्यपि वे उचित व्यक्ति से विचार विमर्श अवश्य कर लेते होंगे. ग़ज़ल का नियमित सेक्शन अनभै सांचा की पहचान बन चुका है। बड़े नामों के साथ साथ नए नामों की उत्कृष्ट रचनाओं को भी अनभै सांचा बे-हिचक छपता है। आप अपनी रचनाएँ bhejne या पत्रिका mangwaane के लिए likhen
द्वारका प्रसाद charumitra
१४८, kadambari, sector ९, rohini
delhi-८५
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